उम्मीद.............एक आशा
मस्ती हो मौसम में तो,पिचकारी अच्छी लगती है (हिंदी गजल/गीतिका
जब किसी बज़्म तेरी बात आई ।
जीवन में दिन चार मिलें है,
मांगने से रोशनी मिलेगी ना कभी
ना कहीं के हैं हम - ना कहीं के हैं हम
समय और स्वास्थ्य के असली महत्त्व को हम तब समझते हैं जब उसका
जिंदा है हम
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
मईया के आने कि आहट
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
💐प्रेम कौतुक-362💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तुम कहते हो की हर मर्द को अपनी पसंद की औरत को खोना ही पड़ता है चाहे तीनों लोक के कृष्ण ही क्यों ना हो
तुम हकीकत में वहीं हो जैसी तुम्हारी सोच है।