Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2024 · 1 min read

शब्द

शब्द
कभी कभी शब्दों से भी मार पड़ जाती है
कभी कभी शब्दों से भी राड बढ़ जाती है
कभी कभी शब्दों से भी बाढ़ बन जाती है
कभी कभी शब्दों से भी बात बन जाती हैं…..
इसलिए
शब्दों को मगज धरते सोचना चाहिए
बोलने से पहले शब्दों को तोलना चाहिए
क्या सही क्या गलत है शब्द जरा! आकंना चाहिए
समय परिस्थिति हाल को देख! शब्द बोलना चाहिए..
वरना
शब्द ही शब्द को ले बैठते हैं
कहीं सुख तो कहीं दुख देतें है
अपनी पहचान के हो शब्द तो ठीक है
वरना अपने ही शब्द!अपनी जुबां काट देते हैं..
इसलिए ध्यान रखें
तोल मोल के फिर शब्द बोल
समझ पडे ना! न मगज खोल
आवभगत में न वो शब्द जोड़
जो भारी पडे मन पे उसे देखकर मुह मोड़….
क्योंकि
शब्दों की भी अपनी एक परिसीमा होती हैं
रहगुज़र वो देख लकिरों पें अक्स खींचती है
नजरियाँ अपना क्या भापंता है उसे मालुम नहीं
वो तो बस शब्दों में गुथी एक हालात परिभाषा होतीं हैं
इसलिए समझों
हर एक शब्द का एक अहम रोल होता है
हालातों को देख वो भुमिका बदलता है
जो वक्त रहते शब्दांश हस्ती!करवटें लेता है
समझना है शब्दों का फैर ये ,तो दिलोदिमाग एक करना होता है…..
आपका अपना ही शब्द है जिसे समझना है आपको
जो हैं इर्दगिर्द तुम्हारें शब्द!उन्हें फिर से सुलझ के जानो
बस जरा सा आंख बंद कर चिंता नहीं तूम चिंतन करों
तब देखना!सब सहज हो जायेगा ये जानकर,उस शब्द का माजरा ऐसा क्यों…..
स्वरचित कविता
सुरेखा राठी

106 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
यदि हम आध्यात्मिक जीवन की ओर सफ़र कर रहे हैं, फिर हमें परिवर
यदि हम आध्यात्मिक जीवन की ओर सफ़र कर रहे हैं, फिर हमें परिवर
Ravikesh Jha
4391.*पूर्णिका*
4391.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल(ज़िंदगी लगती ग़ज़ल सी प्यार में)
ग़ज़ल(ज़िंदगी लगती ग़ज़ल सी प्यार में)
डॉक्टर रागिनी
मीठे बोल
मीठे बोल
Sanjay ' शून्य'
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-151से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे (लुगया)
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-151से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे (लुगया)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ये उम्र भर का मुसाफ़त है, दिल बड़ा रखना,
ये उम्र भर का मुसाफ़त है, दिल बड़ा रखना,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
झूठी आशा बँधाने से क्या फायदा
झूठी आशा बँधाने से क्या फायदा
Dr Archana Gupta
खुश रहें मुस्कुराते रहें
खुश रहें मुस्कुराते रहें
PRADYUMNA AROTHIYA
इंसान भी बड़ी अजीब चीज है।।
इंसान भी बड़ी अजीब चीज है।।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
मेरा शरीर और मैं
मेरा शरीर और मैं
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*ऋषिगण देते हैं शाप अगर, निज भंग तपस्या करते हैं (राधेश्यामी
*ऋषिगण देते हैं शाप अगर, निज भंग तपस्या करते हैं (राधेश्यामी
Ravi Prakash
!! उमंग !!
!! उमंग !!
Akash Yadav
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
बदनाम
बदनाम
Neeraj Agarwal
देखो ना आया तेरा लाल
देखो ना आया तेरा लाल
Basant Bhagawan Roy
ये दाग क्यों  जाते  नहीं,
ये दाग क्यों जाते नहीं,
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
माँ
माँ
Vijay kumar Pandey
गंधारी
गंधारी
Shashi Mahajan
गुफ्तगू तुझसे करनी बहुत ज़रूरी है ।
गुफ्तगू तुझसे करनी बहुत ज़रूरी है ।
Phool gufran
" मत सोचना "
Dr. Kishan tandon kranti
कहा कृष्ण ने -
कहा कृष्ण ने -
महेश चन्द्र त्रिपाठी
हवेली का दर्द
हवेली का दर्द
Atul "Krishn"
युही बीत गया एक और साल
युही बीत गया एक और साल
पूर्वार्थ
कहमुकरी
कहमुकरी
डॉ.सीमा अग्रवाल
Being liked and loved is a privilege,
Being liked and loved is a privilege,
Chitra Bisht
जीवन मर्म
जीवन मर्म
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
*भारतीय क्रिकेटरों का जोश*
*भारतीय क्रिकेटरों का जोश*
Harminder Kaur
राम तुम भी आओ न
राम तुम भी आओ न
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
दामन भी
दामन भी
Dr fauzia Naseem shad
ख्वाबों में मिलना
ख्वाबों में मिलना
Surinder blackpen
Loading...