वो
वो एक अजनबी सा झोंका बनकर जिंदगी में आया ,
अलम भरे लम्ह़ों को अपनी मौजूदगी से खुश़गवार बना चला गया ,
ज़ेहन में पैव़स्त अब्र उन मस़र्रत भरे पलों की याद दिला जाते हैं ,
इस तन्हा माय़ूसी भरे पस़मंज़र में चंद घड़ी खुश़नुमा एहसास दिला जाते हैं ,
वो शफ़्फाक़ सीरत , नेक-निय्यत ,वो रहम़दिलअख़लाक , एक मिसाल पेश़ कर गईं ,
श़ुआएँ बन मेरी तीरग़ी भरी ज़िंदगी को
ऱोशन कर गईं ,