वो बच्चा
शायद वो बच्चा
हठी था
और जिद्दी भी।
उसने सूरज बनाया
और हरे रंग से
उसे रंग दिया,
जहाँ होना था हरा-हरा
वहाँ-वहाँ पर
लाल रंग भर दिया।
फिर ताली बजा-बजा कर
जम के ठहाका लगाया,
कारण पूछने पर
बड़ी मुश्किल से बताया,
कि विशेषाधिकार खत्म कर
उन सब को
उसकी औकात दिखाया।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति