वो पल….!
वो पल जब छाया था, मिठास से भरा सा,
दिल में बसा हुआ, ख्वाबों का ख्याल जरासा,
फूलों की महक सा, हवा में लहराया,
मन के भीतर आज भी है वो पल का साया।
जीवन की राहों में, वो पल है सदैव रहा,
सपनों का संगीत, दिल में बजता रहा।
चला गया वो पल, लेकिन सदैव यादों में,
हमारे दिल का हर कोना, उसे छूने को बेताब रहा।
मुस्कान की झलक, आँखों की चमक,
वो पल था यहाँ, मगर गया अब कहाँ।
पलकों के झपकने में, बीता जीवन यह सारा,
क्या वो पल लौटेगा? या है वह एक सपना हमारा?
वो पल लौटेगा कहीं, समय की धारा में,
सपना हमारा बनेगा, नई राह पर लहराएगा।
जीवन की कहानी में, एक नया मोड़ आएगा,
ख्वाबों का साया, हमेशा दिल में बस जाएगा।