वो अक्सर
वो अक्सर मैंकदें में मिलता है
फिर भी कायदे से मिलता है
नशे में था सच बता ही दिया
के रिश्ता फायदे से मिलता
होश के वायदे से मुकर जाता है
क्या उसे वायदे से मिलता है
इल्म है के कोई उसका नहीं
फिर भी बकायदे से मिलता है
देशहित में मय पी लेता है
दुश्मन अलकायदे से मिलता है
वो अक्सर मैंकदें में मिलता है
फिर भी कायदे से मिलता है
-सिद्धार्थ गोरखपुरी