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5 Jan 2024 · 1 min read

“वैसा ही है”

“वैसा ही है”
कविताएँ पढ़ना वैसा ही है
जैसा कि एक औरत का
उम्र भर ख्वाब पाले रखना
कि एक दिन उसका पति
प्रेमी बन जाएगा
फिर बात-बात पर मनाएगा।

4 Likes · 3 Comments · 102 Views
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