Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jan 2017 · 1 min read

वैश्या

एक नया रूप
नारी का देखो
कभी थी बेटी 
किसी आँगन की
जो बिक गयी 
दानव के हाथो
एक नया रूप 
मानव का देखो

कोठे में बैठी
किये सिंगार 
बिक रहा जिस्म 
हर रात है देखो

नारी का यह 
अवतार तो देखो
रोता ह्दय 
चहरे पर मुस्कान
यह देखो
एक नया रूप
नारी का देखो (आशु)

Language: Hindi
1 Like · 289 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
युद्ध के मायने
युद्ध के मायने
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
"आशा" की कुण्डलियाँ"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
दुआ को असर चाहिए।
दुआ को असर चाहिए।
Taj Mohammad
3367.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3367.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
Pyari dosti
Pyari dosti
Samar babu
*जादू – टोना : वैज्ञानिक समीकरण*
*जादू – टोना : वैज्ञानिक समीकरण*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मेरी रातों की नींद क्यों चुराते हो
मेरी रातों की नींद क्यों चुराते हो
Ram Krishan Rastogi
मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Dr Archana Gupta
Have faith in your doubt
Have faith in your doubt
AJAY AMITABH SUMAN
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
हौसला
हौसला
Sanjay ' शून्य'
बना रही थी संवेदनशील मुझे
बना रही थी संवेदनशील मुझे
Buddha Prakash
प्यारा-प्यारा है यह पंछी
प्यारा-प्यारा है यह पंछी
Suryakant Dwivedi
ना जाने कौन से मैं खाने की शराब थी
ना जाने कौन से मैं खाने की शराब थी
कवि दीपक बवेजा
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Yu hi wakt ko hatheli pat utha kar
Yu hi wakt ko hatheli pat utha kar
Sakshi Tripathi
हालातों से हारकर दर्द को लब्ज़ो की जुबां दी हैं मैंने।
हालातों से हारकर दर्द को लब्ज़ो की जुबां दी हैं मैंने।
अजहर अली (An Explorer of Life)
कोई यहां अब कुछ नहीं किसी को बताता है,
कोई यहां अब कुछ नहीं किसी को बताता है,
manjula chauhan
*कर्म बंधन से मुक्ति बोध*
*कर्म बंधन से मुक्ति बोध*
Shashi kala vyas
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
तीन स्थितियाँ [कथाकार-कवि उदयप्रकाश की एक कविता से प्रेरित] / MUSAFIR BAITHA
तीन स्थितियाँ [कथाकार-कवि उदयप्रकाश की एक कविता से प्रेरित] / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
जीवन का इतना
जीवन का इतना
Dr fauzia Naseem shad
मन की चंचलता बहुत बड़ी है
मन की चंचलता बहुत बड़ी है
पूर्वार्थ
जहाँ जिंदगी को सुकून मिले
जहाँ जिंदगी को सुकून मिले
Ranjeet kumar patre
*गृहस्थ संत स्वर्गीय बृजवासी लाल भाई साहब*
*गृहस्थ संत स्वर्गीय बृजवासी लाल भाई साहब*
Ravi Prakash
तुमसे इश्क करके हमने
तुमसे इश्क करके हमने
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
राजाराम मोहन राॅय
राजाराम मोहन राॅय
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
स्वार्थ
स्वार्थ
Neeraj Agarwal
Ajeeb hai ye duniya.......pahle to karona se l ladh rah
Ajeeb hai ye duniya.......pahle to karona se l ladh rah
shabina. Naaz
मकसद ......!
मकसद ......!
Sangeeta Beniwal
Loading...