वेश्यावृत्ति एक सामाजिक कुरीति
वेश्यावृत्ति एक सामाजिक कुरीति
वेश्यावृत्ति दो मुंहे समाज की,
सामाजिक एक कुरीति है
नहीं है यह व्यवसाय या वृत्ति,
महिलाओं पर एक अनीति है
युगों युगों से घोर अनीति,
महिलाओं पर होती आई है
अप्सरा वेश्या नगरवधू,
देवदासी जहर कन्या रंडी बेड़नी कॉल गर्ल
और कोठेवाली कहलाई है, नाना नाम धराई है
अन्याय अत्याचार की मारी, कोठे पर लाई जाती है
शोषण और गरीबी की मारी, खरीदी बेची जाती है
मजबूर बेबस लाचार, हवस की शिकार बनाई जाती है
आने वाले शिशु पेट में मारे जाते हैं,
जो आ जाते हैं दुनिया में, उपेक्षित जीवन बिताते हैं
जिस्मफरोशी नाजायज है, यह नहीं कोई वृति है
मानवता पर कलंक है यह, अनाचार की आवृत्ति है
विश्व वेश्या वृत्ति दिवस नहीं,?
विश्व वेश्यावृत्ति मुक्ति दिवस, नाम होना चाहिए
कार्यरत महिलाओं का कल्याण होना चाहिए
वेश्यावृत्ति का समूल नाश होना चाहिए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी