Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jun 2023 · 2 min read

वीरो की भूमि

हुई धरा ये रिक्त नहीं, वीरों से अभी ये मुक्त नहीं।
कहने को अभी ये खोए हैं, बस चिर निंद्रा में सोए हैं।।
ये महाराणा के प्रताप हैं, ये वीर शिवा की छाप हैं।
ये पृथ्वी जैसा दिल हैं रखते, ये मानवता की मिसाल हैं।।

ये चंद्रगुप्त के शौर्य हैं, ये अशोक महान के मौर्य हैं।
ये राजा भोज की खोजें हैं, ये कृष्णदेव की मोजे हैं।।
ये चाणक्य की नीति हैं, ये अमिटशौर्य अनुभूति हैं।
ये आर्यभट्ट का ज्ञान हैं, ये भारद्वाज का विज्ञान हैं।।

ये गुरुओं की संताने हैं, ये भारत की पहचाने हैं।
ये बाल्मीकि का शील हैं, ये हरिजन सहनशील हैं।।
ये हिंसा से कतराते हैं, पर पीठ नहीं दिखलाते हैं।
ये रण में जब आ जाए तो, अच्छे-अच्छे घबराते हैं।।

ये कहने को हैं अलग-अलग, पर एक माला के मोती हैं।
ये संत कबीर और रविदास के, बिखरे सच्चे मोती हैं।।
ये सूरजमल का इतिहास हैं, ये संभाजी का विश्वास हैं।
ये मिहिर भोज की आन हैं, ये खुद में ही शमशान हैं।।

ये चार वर्ण बस नाम के हैं, आर्यों की संतान के हैं।
ये वर्ण व्यवस्था काम की हैं, अपने ही पहचान की हैं।।
ये हमको जो भटकाते हैं, वे भूल सदा ये जाते हैं।
ये वर्ण व्यवस्था सब में हैं, बस हम मूर्ख बन जाते हैं।।

अब समय आ गया जगने का, गले लगाकर रखने का।
अब पहरेदारी बहुत हुई, अब उनसे यारी बहुत हुई।।
अब अपना भी प्रचार करो, भगवे को तुम तैयार करो।
अब देश धर्म पर चलना हैं, दुश्मन को पहले मरना हैं।।
==================================
“ललकार भारद्वाज”

Language: Hindi
1 Like · 243 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ललकार भारद्वाज
View all
You may also like:
सत्य, अहिंसा, त्याग, तप, दान, दया की खान।
सत्य, अहिंसा, त्याग, तप, दान, दया की खान।
जगदीश शर्मा सहज
जिंदगी
जिंदगी
sushil sarna
बदरा को अब दोष ना देना, बड़ी देर से बारिश छाई है।
बदरा को अब दोष ना देना, बड़ी देर से बारिश छाई है।
Manisha Manjari
मोह
मोह
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
आदमी कई दफ़ा झूठ बोलता है,
आदमी कई दफ़ा झूठ बोलता है,
Ajit Kumar "Karn"
मेरे राम तेरे राम
मेरे राम तेरे राम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
चित्रकार
चित्रकार
Ritu Asooja
" दूरियां"
Pushpraj Anant
हो सके तो मीठा बोलना
हो सके तो मीठा बोलना
Sonam Puneet Dubey
4528.*पूर्णिका*
4528.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सावन के झूलों पे, पूछे सखियाँ
सावन के झूलों पे, पूछे सखियाँ
gurudeenverma198
बांग्लादेश हिंसा पर ...
बांग्लादेश हिंसा पर ...
SURYA PRAKASH SHARMA
यूपी में मंदिर बना,
यूपी में मंदिर बना,
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"तन्हाई"
Dr. Kishan tandon kranti
■
■ "टेगासुर" के कज़न्स। 😊😊
*प्रणय प्रभात*
जरुरी है बहुत जिंदगी में इश्क मगर,
जरुरी है बहुत जिंदगी में इश्क मगर,
शेखर सिंह
भागदौड़ भरी जिंदगी
भागदौड़ भरी जिंदगी
Bindesh kumar jha
एक आज़ाद परिंदा
एक आज़ाद परिंदा
Shekhar Chandra Mitra
शिक्षक है  जो  ज्ञान -दीप  से  तम  को  दूर  करे
शिक्षक है जो ज्ञान -दीप से तम को दूर करे
Anil Mishra Prahari
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हमने माना अभी
हमने माना अभी
Dr fauzia Naseem shad
जब भी तेरा दिल में ख्याल आता है
जब भी तेरा दिल में ख्याल आता है
Ram Krishan Rastogi
💖🌹 हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🌹💖
💖🌹 हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🌹💖
Neelofar Khan
" नम पलकों की कोर "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
*करते सौदा देश का, सत्ता से बस प्यार (कुंडलिया)*
*करते सौदा देश का, सत्ता से बस प्यार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दिल से करो पुकार
दिल से करो पुकार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
उसके बदन को गुलाबों का शजर कह दिया,
उसके बदन को गुलाबों का शजर कह दिया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मीनू
मीनू
Shashi Mahajan
Loading...