24/231. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
जग की आद्या शक्ति हे ,माता तुम्हें प्रणाम( कुंडलिया )
माँ सरस्वती अन्तर्मन मन में..
गुजरते लम्हों से कुछ पल तुम्हारे लिए चुरा लिए हमने,
जिंदगी को बड़े फक्र से जी लिया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Never settle for less than you deserve.
💐प्रेम कौतुक-518💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
🥀*अज्ञानीकी कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
खुलेआम जो देश को लूटते हैं।
वक्त का इंतजार करो मेरे भाई
नज़्म/गीत - वो मधुशाला, अब कहाँ