Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Feb 2024 · 1 min read

विवेकवान मशीन

मशीने भी अब पा रही है विवेक
चैट जीपीटी का बढ़ रहा है क्रेज
हर समस्या से लड़ना हुआ आसान
बटन दबाते ही मिल रहा समाधान

कहानी, कविता लेख या निबंध
गीत की धुन या कला की पसंद
चुटकी मे प्रस्तुत है हर समाधान
मशीन कर रही सृजन का काम

सृजन की यह नई विधा है कुछ खास
लोगो को मिल रहे है विचित्र से जवाब
कृत्रिम मेधा दिखा रही अपना कमाल
ज्ञान के साथ मनोरंजन का बढ़ रहा दबाव

पूछा किसी ने नागिन डांस कैसे सीखे
जीपीटी ने बता दिए कई तरीके
स्वयं नागिन से सीखना श्रेयकर होगा
और नागिन प्रोफेसर हो तो बेहतर होगा

प्रश्न आया , पैसे को शीध्र कैसे कमा सकते है
कम समय मे स्वयं को अमीर बता सकते है
बैंक मे डाका डाल सकते है या
नीचे दिए दस चोरी के तरीके अपना सकते है

पूछा किसीने कि मै सुंदर कैसे दिखु?
कई उत्तर मे एक उसे भाया
कम सुंदर के साथ सदा नज़र आए और
अधिक सुंदर के साथ कभी फोटो ना खिंचवाए

इंसान बनने के लिए क्या करना होगा ?
एक इंसान ने जब एक मशीन से पूछा
मशीन ने वोही दस जवाब समाने उतारे थे
जो बरसो पहले उसने अपने जहन से निकाले थे

मशीन और इंसान की जंग जारी है
इंसान की बनाई मशीन पडती जा रही भारी है
इंसान बनता जा रहा है मशीन
और मशीन के इंसान बनने की तैयारी है

संदीप पांडे”शिष्य” अजमेर

Language: Hindi
4 Likes · 177 Views
Books from Sandeep Pande
View all

You may also like these posts

जब साँसों का देह से,
जब साँसों का देह से,
sushil sarna
ज़ब तक धर्मों मे पाप धोने की व्यवस्था है
ज़ब तक धर्मों मे पाप धोने की व्यवस्था है
शेखर सिंह
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
नर्गिस
नर्गिस
आशा शैली
किस से कहें
किस से कहें
हिमांशु Kulshrestha
भारत की गौरवशाली परंपरा का गुणगान लिखो।
भारत की गौरवशाली परंपरा का गुणगान लिखो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
■ आज का मुक्तक
■ आज का मुक्तक
*प्रणय*
इजहार बने
इजहार बने
Kunal Kanth
*सौलत पब्लिक लाइब्रेरी: एक अध्ययन*
*सौलत पब्लिक लाइब्रेरी: एक अध्ययन*
Ravi Prakash
रातों में कभी आसमान की ओर देखना मेरी याद आएगी।
रातों में कभी आसमान की ओर देखना मेरी याद आएगी।
Rj Anand Prajapati
प्यासा के कुंडलियां (दारू -मदिरा) विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
प्यासा के कुंडलियां (दारू -मदिरा) विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
Vijay kumar Pandey
सिय स्वयंबर और भगवान परशुराम का सर्वस्व दान
सिय स्वयंबर और भगवान परशुराम का सर्वस्व दान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
नशीहतें आज भी बहुत देते हैं जमाने में रहने की
नशीहतें आज भी बहुत देते हैं जमाने में रहने की
शिव प्रताप लोधी
भाल हो
भाल हो
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
अभिनंदन
अभिनंदन
जगदीश शर्मा सहज
तेरी तसवीर को दिल में बसा रखा है
तेरी तसवीर को दिल में बसा रखा है
Jyoti Roshni
ग़ज़ल-अपनी ही एक ख़ुमारी है !
ग़ज़ल-अपनी ही एक ख़ुमारी है !
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
क्या हसीन मौसम है
क्या हसीन मौसम है
shabina. Naaz
रूप यौवन
रूप यौवन
surenderpal vaidya
विचार-विमर्श के मुद्दे उठे कई,
विचार-विमर्श के मुद्दे उठे कई,
Ajit Kumar "Karn"
मैथिली का प्रभाव असम बंगाल और उड़ीसा विद्यापति और ब्रजबुलि
मैथिली का प्रभाव असम बंगाल और उड़ीसा विद्यापति और ब्रजबुलि
श्रीहर्ष आचार्य
सारा शहर अजनबी हो गया
सारा शहर अजनबी हो गया
Surinder blackpen
2953.*पूर्णिका*
2953.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्यार भी खार हो तो प्यार की जरूरत क्या है।
प्यार भी खार हो तो प्यार की जरूरत क्या है।
सत्य कुमार प्रेमी
4) “एक और मौक़ा”
4) “एक और मौक़ा”
Sapna Arora
"आज का दुर्योधन "
DrLakshman Jha Parimal
Hard To Love
Hard To Love
Vedha Singh
सेनेटाइज़र~जिंदगी
सेनेटाइज़र~जिंदगी
bhandari lokesh
बाल कविता शेर को मिलते बब्बर शेर
बाल कविता शेर को मिलते बब्बर शेर
vivek saxena
If
If
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Loading...