विरहन प्रियतमा
मेरे पिया गए सागर पार , जाने कब आएंगे इस पार ।
आ गई बरखा बहार ,
बहे सुहानी मधुर बयार । मेरे पिया …..
मैं विरहन दर्शन की प्यासी ,
तकें राह नयन लगातार । मेरे पिया …..
झूल रहीं सखियांँ झूलों पर ,
गायें मिल राग मल्हार । मेरे पिया…
रतिया कट रहीं गिन गिन तारे ,
निंदिया आवै ना एकऊ बार । मेरे पिया…..
फूल खिले हैं कई रंगों के ,
नित भौंरे करें गुंजार । मेरे पिया…..
प्रियतम को कैसे भेजूं संदेशा
कैसे सुन लें मेरी पुकार । मेरे पिया…..
नित दिन देखो बरसा आए ,
तन-मन ठंडी पड़े फुहार । मेरे पिया …..
ओम कहे प्रिया आस न छोड़ो ,
पिया आएंगे इस बार । मेरे पिया…..
ओमप्रकाश भारती ओम्