#विनम्रता
#नमन मंच
#विषय विनम्रता
#शीर्षक जज्बा तुम्हारा देखकर
#दिनांक २१/०९/२०२४
विनम्रता है अति महान
जिसके आगे झुकता सारा जहान
भरी जिसने भी हौंसले की उड़ान
धैर्य बल से ही पहुंचा आसमान !
जोखिम बड़ा है गिरने का
यह रिस्क अगर तुम उठाते हो
हांसिल कर सकते हो सब कुछ
जो तुम जीवन में पाना चाहते हो !
करके अपने डर को दूर
कदम मंजिल की ओर बढ़ाते हो
दृढ़ करके अपने ‘रब’ पे भरोसा
सहनशीलता अगर दिखाते हो !
जज्बा तुम्हारा देखकर
मंजिल खुद चलकर आएगी
गर्दिश में थे जो कभी सितारे
होगी गिनती अब चांद तारों में !
स्वरचित मौलिक रचना
राधेश्याम खटीक
भीलवाड़ा राजस्थान
shyamkhatik363@gmail.com