विनती
पथ प्रदर्शित करें सियाराम,
माँ भवानी अपनी शक्ति दें।
तन, मन दोनों हों समर्पित,
प्रभु अपनी पावन भक्ति दें।।
अवगुणों के असुर नष्ट हों,
जीवन के सभी क्लेश कटें।
रोम-रोम हो तन का पावन,
हृदय से ईर्ष्या एवं द्वेष हटें।।
हाथ जोड़ प्रभु इतनी विनती,
महिमा तेरी दिन-रात मैं गाऊँ।
हृदय-कमल समर्पित तुमको,
कण-कण में तेरा दर्शन पाऊँ।।
रचनाकार :- कंचन खन्ना, मुरादाबाद,
(उ०प्र०, भारत)।
सर्वाधिकार, सुरक्षित (रचनाकार)।
दिनांक :- २५/१०/२०२०.