Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Nov 2020 · 1 min read

भारत का गणतंत्र

मानवता – कल्याण – युत, मूल्यों का है मंत्र ।
इक किताब है न्याय की , भारत का गणतंत्र ।। . . .

यहाँ पंथनिरपेक्षता, है समता का सार ।
प्रेम और निष्पक्षता, इसका है आधार ।।
जनता के हाथों चले, ऐसा है ये यंत्र,
इक किताब है न्याय की, भारत का गणतंत्र ।। . . .

देता है निज ढंग से, जीने का अधिकार ।
मगर निभाएँ नीति से कर्तव्यों का भार ।।
भेदभाव से मुक्त है, अपना शासन तंत्र,
इक किताब है न्याय की, भारत का गणतंत्र ।। . . .

सद्भावों की राह पर, चलना इसका धर्म ।
निर्बल को करना प्रबल, इसका अपना कर्म ।।
करना है हित देश का, यही फूँकता मंत्र,
इक किताब है न्याय की, भारत का गणतंत्र ।। . . .

26-11-2019
डॉ अर्चना गुप्ता

26-11-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

2 Likes · 283 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
ruby kumari
रिश्ते
रिश्ते
विजय कुमार अग्रवाल
शराब
शराब
RAKESH RAKESH
मर्दुम-बेज़ारी
मर्दुम-बेज़ारी
Shyam Sundar Subramanian
किया है तुम्हें कितना याद ?
किया है तुम्हें कितना याद ?
The_dk_poetry
फर्क तो पड़ता है
फर्क तो पड़ता है
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आजाद लब
आजाद लब
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
खूब ठहाके लगा के बन्दे !
खूब ठहाके लगा के बन्दे !
Akash Yadav
फागुन
फागुन
पंकज कुमार कर्ण
गौ माता...!!
गौ माता...!!
Ravi Betulwala
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
जब साँसों का देह से,
जब साँसों का देह से,
sushil sarna
*होय जो सबका मंगल*
*होय जो सबका मंगल*
Poonam Matia
तुम मेरी
तुम मेरी
हिमांशु Kulshrestha
जिस दिन अपने एक सिक्के पर भरोसा हो जायेगा, सच मानिए आपका जीव
जिस दिन अपने एक सिक्के पर भरोसा हो जायेगा, सच मानिए आपका जीव
Sanjay ' शून्य'
चुन लेना राह से काँटे
चुन लेना राह से काँटे
Kavita Chouhan
यह धरती भी तो, हमारी एक माता है
यह धरती भी तो, हमारी एक माता है
gurudeenverma198
छठ पूजा
छठ पूजा
Damini Narayan Singh
😊😊😊
😊😊😊
*Author प्रणय प्रभात*
ये एहतराम था मेरा कि उसकी महफ़िल में
ये एहतराम था मेरा कि उसकी महफ़िल में
Shweta Soni
"ईद-मिलन" हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Kabhi kabhi har baat se fark padhta hai mujhe
Kabhi kabhi har baat se fark padhta hai mujhe
Roshni Prajapati
मंद मंद बहती हवा
मंद मंद बहती हवा
Soni Gupta
*अध्याय 11*
*अध्याय 11*
Ravi Prakash
दुनिया रैन बसेरा है
दुनिया रैन बसेरा है
अरशद रसूल बदायूंनी
भटक रहे अज्ञान में,
भटक रहे अज्ञान में,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*अग्निवीर*
*अग्निवीर*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अरे शुक्र मनाओ, मैं शुरू में ही नहीं बताया तेरी मुहब्बत, वर्ना मेरे शब्द बेवफ़ा नहीं, जो उनको समझाया जा रहा है।
अरे शुक्र मनाओ, मैं शुरू में ही नहीं बताया तेरी मुहब्बत, वर्ना मेरे शब्द बेवफ़ा नहीं, जो उनको समझाया जा रहा है।
Anand Kumar
एक ख़त रूठी मोहब्बत के नाम
एक ख़त रूठी मोहब्बत के नाम
अजहर अली (An Explorer of Life)
अधूरी दास्तान
अधूरी दास्तान
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
Loading...