Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Feb 2024 · 1 min read

विडम्बना

युगो -युगो से पूछ रही
अपनी आंख पसार,
किसे करे समर्पित
अपना निश्छल प्यार।
कोमलता की कली
किए नव श्रृंगार,
नव दीपित यौवन
लेकर मृदुल उपहार।
अल्हड़ता से वह
झूमा करती,
उन्मुक्त परी-सी
घूमा करती।
चुपके से आकर
मानस पर कोई छाया,
उसने भी सपनों का
नव संसार सजाया।
पूजक बनी प्रिय की
मन-मंदिर में बिठाया,
समर्पित किया स्वयं को
नेह का दीप जलाया।
देवता बन गया निर्दयी
पैरों तले ठुकराया,
युगों से यही इतिहास
बार-बार दोहराया।

—प्रतिभा आर्य
चेतन एनक्लेव,
अलवर(राजस्थान)

Language: Hindi
1 Like · 297 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
View all
You may also like:
"कुछ रास्ते"
Dr. Kishan tandon kranti
एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती,
एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती,
प्रेमदास वसु सुरेखा
भरोसा
भरोसा
Paras Nath Jha
*व्याख्यान : मोदी जी के 20 वर्ष*
*व्याख्यान : मोदी जी के 20 वर्ष*
Ravi Prakash
हत्या-अभ्यस्त अपराधी सा मुख मेरा / MUSAFIR BAITHA
हत्या-अभ्यस्त अपराधी सा मुख मेरा / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
सियासत में
सियासत में
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
क़यामत ही आई वो आकर मिला है
क़यामत ही आई वो आकर मिला है
Shweta Soni
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
हम ये कैसा मलाल कर बैठे
हम ये कैसा मलाल कर बैठे
Dr fauzia Naseem shad
*बादल*
*बादल*
Santosh kumar Miri
साथ तेरा रहे साथ बन कर सदा
साथ तेरा रहे साथ बन कर सदा
डॉ. दीपक मेवाती
मेरे दिल की हर धड़कन तेरे ख़ातिर धड़कती है,
मेरे दिल की हर धड़कन तेरे ख़ातिर धड़कती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वर्षा रानी⛈️
वर्षा रानी⛈️
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
मगर अब मैं शब्दों को निगलने लगा हूँ
मगर अब मैं शब्दों को निगलने लगा हूँ
VINOD CHAUHAN
Tu wakt hai ya koi khab mera
Tu wakt hai ya koi khab mera
Sakshi Tripathi
कभी हमको भी याद कर लिया करो
कभी हमको भी याद कर लिया करो
gurudeenverma198
वह बचपन के दिन
वह बचपन के दिन
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
शून्य से अनन्त
शून्य से अनन्त
The_dk_poetry
व्यापार नहीं निवेश करें
व्यापार नहीं निवेश करें
Sanjay ' शून्य'
अचानक जब कभी मुझको हाँ तेरी याद आती है
अचानक जब कभी मुझको हाँ तेरी याद आती है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
......... ढेरा.......
......... ढेरा.......
Naushaba Suriya
चाँद तारे गवाह है मेरे
चाँद तारे गवाह है मेरे
shabina. Naaz
“एक नई सुबह आयेगी”
“एक नई सुबह आयेगी”
पंकज कुमार कर्ण
सभी मित्रों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
सभी मित्रों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
surenderpal vaidya
■ लोक संस्कृति का पर्व : गणगौर
■ लोक संस्कृति का पर्व : गणगौर
*Author प्रणय प्रभात*
इक बार वही फिर बारिश हो
इक बार वही फिर बारिश हो
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
"मुश्किल वक़्त और दोस्त"
Lohit Tamta
मै ठंठन गोपाल
मै ठंठन गोपाल
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
वीर रस की कविता (दुर्मिल सवैया)
वीर रस की कविता (दुर्मिल सवैया)
नाथ सोनांचली
मंदिर जाना चाहिए
मंदिर जाना चाहिए
जगदीश लववंशी
Loading...