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7 Sep 2024 · 1 min read

“वसीयत”

“वसीयत”
फिक्र थी हमें कि क्या दूँ
कुछ नहीं मेरे नाम,
फकत साँसों की वसीयत
लिख दी तेरे नाम।

2 Likes · 2 Comments · 40 Views
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