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13 Feb 2024 · 1 min read

लौटना पड़ा वहाँ से वापस

मैंने सोचा कि अब तो,
वहाँ होगी हर किसी को खुशी,
होगी बरसात फूलों की,
अब उस घर मेरे लौटने पर,
होगी मेरी आरती वहाँ पर,
उस घर की दर पर कदम रखने पर।।

मैंने सोचा कि उस घर में,
आई है रोशनी वर्षों बाद,
हुआ है पूरा कोई अधूरा सपना,
कई वर्षों की तपस्या के बाद,
जागी है उम्मीद आबाद होने की,
बहुत अरसे की मेहनत के बाद।।

इसलिए मैंने सोचा कि,
अब लगा लेंगे मुझको गले,
दौड़कर उस घर के लोग,
मनाने लगेंगे अब वो मुझको,
करेंगे मुझको सच्चे मन से प्यार,
अपने परिवार के सदस्य की तरह।।

मैंने देखा कि वहाँ नहीं था,

कोई परिवर्तन मेरी सफलता से,
नहीं था मेरा उनको मेरा इंतजार,
लुढ़क पड़े मेरी आँखों से आँसू ,
क्योंकि वो खुश नहीं है मुझसे,
और लौटना पड़ा वहाँ से वापस।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
177 Views

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