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24 Feb 2024 · 1 min read

“गीत”

“गीत”
गीत रीत वो रंग हजारों
इस सरगम के मेले में,
वो जीवन क्या जीवन है
जो कट रहे झमेले में।
सम्भव होता हर असम्भव
इस प्यार के मेले में,
गीत-रीत सब मीत बन गए
प्रीत के अमर-बेले में।

7 Likes · 4 Comments · 302 Views
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