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13 Apr 2022 · 1 min read

लोकतंत्र की पहचान

गलियों से नगरों तक,
झुग्गी-झोपड़ियों से इमारतों तक,
पैदल यात्रियों से हवाई यात्रा तक,
पुराने वस्त्र से रेशमी पोशाक तक,
अपाहिज से स्वस्थ नागरिक तक,
सबको एक अधिकार है,
सब की नागरिकता समान है,
सबकी एक ही ताकत है,
वोट का अधिकार है,
लोकतंत्र की यही पहचान है ।

✍🏼
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 406 Views
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