“लू”
“लू”
मई-जून का महीना
चल रही ऐसी लू ,
पानी तो पानी है
सूख रहा है खूं ।
गरीबों की मत पूछो
हर रात गुजरती यूँ ,
छत आँगन गलियों में
पड़े लकड़ी का गट्ठा नू ।
“लू”
मई-जून का महीना
चल रही ऐसी लू ,
पानी तो पानी है
सूख रहा है खूं ।
गरीबों की मत पूछो
हर रात गुजरती यूँ ,
छत आँगन गलियों में
पड़े लकड़ी का गट्ठा नू ।