योग का गणित और वर्तमान समस्याओं का निदान
1+1= 2 – योग या जोड़ है।
1+A = 1+A योग या जोड़ नहीं बल्कि चिपकना है।
क्योंकि योग एक विचार और एक व्यवहार व्यवहार में ही होता है जबकि चिपकना विपरीत स्तर पर होता है। जैसे हवा में योग के लिए हवा बनना पड़ेगा और पानी में योग के लिए तरल बनना पड़ेगा।
1+1 के योग से प्राप्त संख्या 2 में 1 दो बार है जबकि प्राप्त संख्या 2, अंको(डिजिट) में एक है। अर्थात योग में दो या दो से अधिक ऐसे जुड़ते हैं कि उनको अलग नहीं किया जा सकता।
इस 2 से पुनः 1+1 प्राप्त नहीं किया जा सकता। इसमें से 1 घटाकर 1 प्राप्त किया जा सकता है किंतु जो 1 प्राप्त होता है वह बाहर से आया 1 है और जो शेष 1 बचा वह पहले का ही 1 है जो अभी भी 1+1 की स्थिति में ही है। अर्थात इस पूरी प्रक्रिया में संख्या 1 तीन बार प्रयोग हुई है 1+1=2-1=1 ।
इसलिए योग या जोड़ से युग्मित हो चुकी चीजों को कभी भी अलग नहीं कर सकते।
यही समस्या है वर्तमान समय के समाज, धर्म, देश और रिश्तों में, कि व्यक्ति इन स्तरों पर समानता प्राप्त किए बिना ही जुड़ने की या युग्मित होने की कोशिश करता है। इसलिए वह युग्मित या जुड़ तो नहीं पाता केवल चिपक जाता है। और चिपकी हुई चीजों को पुनः छुड़ाना आसान है क्योंकि चिपकने वाला गोंद अर्थात स्वार्थ जैसे जैसे कम होता जाता है रिश्ते भी दूर होते जाते है, चाहे कोई भी रिश्ता हो। माता पिता संतान का, पति पत्नी का या फिर मित्रता का।