“लाइलाज”
“लाइलाज”
बीमारियाँ ही नहीं
मनोवृत्तियाँ भी है लाइलाज,
फ़ैशन सा बन चुका है
यह बहुत कुछ आज।
आधी सदी पहले यह दृश्य देख
जमाना कह देता
ये साया इंसान का नहीं
किसी भटकती रूह का है।
“लाइलाज”
बीमारियाँ ही नहीं
मनोवृत्तियाँ भी है लाइलाज,
फ़ैशन सा बन चुका है
यह बहुत कुछ आज।
आधी सदी पहले यह दृश्य देख
जमाना कह देता
ये साया इंसान का नहीं
किसी भटकती रूह का है।