Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Dec 2023 · 1 min read

***** सिंदूरी – किरदार ****

***** सिंदूरी – किरदार ****
***********************

चाहत मेरी बस है इतनी,
तेरे गले का गलहार बनूँ।

तन-मन की हो सुंदर बगिया,
कंचन काया का शिंगार बनूँ।

प्रिय तेरे ही जीवन पथ का,
संगी – साथी वफादार बनूँ।

मांग अधूरी झट पूरी कर दूं,
तेरे काफ़िले का सरदार बनूँ।

मीठे रस से कड़वापन हर दूँ,
तरुवर मधुरिम फलदार बनूँ।

मनसीरत दो दिन का जीवन,
माथे का सिंदूरी किरदार बनूँ।
**********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

117 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तेरी यादें
तेरी यादें
Neeraj Agarwal
■आज का दोहा■
■आज का दोहा■
*Author प्रणय प्रभात*
मेरे शब्द, मेरी कविता, मेरे गजल, मेरी ज़िन्दगी का अभिमान हो तुम
मेरे शब्द, मेरी कविता, मेरे गजल, मेरी ज़िन्दगी का अभिमान हो तुम
Anand Kumar
हर रात की
हर रात की "स्याही"  एक सराय है
Atul "Krishn"
हर राह सफर की।
हर राह सफर की।
Taj Mohammad
रिश्ते , प्रेम , दोस्ती , लगाव ये दो तरफ़ा हों ऐसा कोई नियम
रिश्ते , प्रेम , दोस्ती , लगाव ये दो तरफ़ा हों ऐसा कोई नियम
Seema Verma
जब सहने की लत लग जाए,
जब सहने की लत लग जाए,
शेखर सिंह
दो शे'र ( चाँद )
दो शे'र ( चाँद )
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
मित्रता का मोल
मित्रता का मोल
DrLakshman Jha Parimal
गजब है उनकी सादगी
गजब है उनकी सादगी
sushil sarna
स्वयं से सवाल
स्वयं से सवाल
आनन्द मिश्र
लगाव
लगाव
Rajni kapoor
बुराइयां हैं बहुत आदमी के साथ
बुराइयां हैं बहुत आदमी के साथ
Shivkumar Bilagrami
परिपक्वता
परिपक्वता
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
हमें पता है कि तुम बुलाओगे नहीं
हमें पता है कि तुम बुलाओगे नहीं
VINOD CHAUHAN
*जाऍंगे प्रभु राम के, दर्शन करने धाम (कुंडलिया)*
*जाऍंगे प्रभु राम के, दर्शन करने धाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
2760. *पूर्णिका*
2760. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आंधियां* / PUSHPA KUMARI
आंधियां* / PUSHPA KUMARI
Dr MusafiR BaithA
कदमों में बिखर जाए।
कदमों में बिखर जाए।
लक्ष्मी सिंह
रिश्ते दिलों के अक्सर इसीलिए
रिश्ते दिलों के अक्सर इसीलिए
Amit Pandey
जिसे तुम ढूंढती हो
जिसे तुम ढूंढती हो
Basant Bhagawan Roy
[28/03, 17:02] Dr.Rambali Mishra: *पाप का घड़ा फूटता है (दोह
[28/03, 17:02] Dr.Rambali Mishra: *पाप का घड़ा फूटता है (दोह
Rambali Mishra
कुछ हासिल करने तक जोश रहता है,
कुछ हासिल करने तक जोश रहता है,
Deepesh सहल
बरसाने की हर कलियों के खुशबू में राधा नाम है।
बरसाने की हर कलियों के खुशबू में राधा नाम है।
Rj Anand Prajapati
बाबुल का आंगन
बाबुल का आंगन
Mukesh Kumar Sonkar
"अमीर खुसरो"
Dr. Kishan tandon kranti
किसी को उदास पाकर
किसी को उदास पाकर
Shekhar Chandra Mitra
💐प्रेम कौतुक-435💐
💐प्रेम कौतुक-435💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तुम क्या चाहते हो
तुम क्या चाहते हो
gurudeenverma198
नींद आज नाराज हो गई,
नींद आज नाराज हो गई,
Vindhya Prakash Mishra
Loading...