“लहर”
“लहर”
लहरों की दीद है
हर ग़ज़ल हर नगमों में
जिन्दगी की रवानी
अहसासों को महकाती है,
लहरों की इनायत है
सारे मोहब्बत के मेले
लाश का घर भी ‘किशन’
ताजमहल कहलाती है।
“लहर”
लहरों की दीद है
हर ग़ज़ल हर नगमों में
जिन्दगी की रवानी
अहसासों को महकाती है,
लहरों की इनायत है
सारे मोहब्बत के मेले
लाश का घर भी ‘किशन’
ताजमहल कहलाती है।