“लबालब समन्दर”
“लबालब समन्दर”
आबादी का लबालब समन्दर
मगर अकेलापन है अन्दर
अगर कहीं गुलजार हो रहा
तो वह है सोशल मीडिया,
यानी दृष्टि भ्रम की दुनिया।
“लबालब समन्दर”
आबादी का लबालब समन्दर
मगर अकेलापन है अन्दर
अगर कहीं गुलजार हो रहा
तो वह है सोशल मीडिया,
यानी दृष्टि भ्रम की दुनिया।