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31 Jul 2017 · 1 min read

लकीरों में

लकीरों में लिखी अपनी सजी तकदीर देखेंगे
बँधी पल्लू सदा तेरे तभी तासीर देखेंगे

सलामत जब बनेगी साथ तेरे जिन्दगी में तब
हिफाजत से चलेंगे और तब जागीर देखेगे

जरा सा झाँक जब अपने गलेबाँ देख लेगे तो
बसी भगवान की दिल में सदा तस्वीर देखेंगे

किसी भी बात पर गर रूठ जाओगे कभी हमसे
मनाने की उसी ही वक्त हम तदबीर देखेगे

गलत को हम सहन जब कर न पायेगें कभी भी तो
सही सी तब बताने के लिए हम तहरीर देखेंगे

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