रुके रहेंगे , कहोगे जब तक
रुके रहेंगे , कहोगे जब तक,
तेरी मधुमयी यादों के संग।
तेरी याद मे खोया रहता,
लाख जतन कर ले मेरा मन ।
वक्त हमारे साथ नही है,
तू भी तो अब पास नही है,
आँखो में अविराम तरलता,
प्रेमी तेरी यही विफलता,
यू तड़पाओगे तुम कब तक?
रुके रहेंगे , कहोगे जब तक ।
लगता हैं मधुमास जहर अब,
शरद भी बीत गया जाने कब,
साथ तुम्हारा आस हमारा,
जीवन में मधुमास दुबारा,
आयेगा आखिर ये कब तक?
रुके रहेंगे , कहोगे जब तक ।
✍प्रद्युम्न चतुर्बेदी ‘प्रकाश’