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26 May 2024 · 1 min read

रिश्ते

रिश्ते भगवान् बनाता है
निभाना है इंसान को
मगर कहां निभाता है
आज का श्रवण कुमार
अपने माता-पिता को
तीर्थ यात्रा की जगह
वृद्ध आश्रम भेजना
उचित समझता है
आज का भरत
राम से राजपाठ
लेने के लिए
अदालत में खड़ा है
रहिमन का प्रेम का
धागा टूट रहा है
अपना ही अपने को
लूट रहा है
असहयोग आंदोलन चरम पर है
अंग्रेजों के लिए नहीं
वे जा चुके हैं
जब रिश्ते टूटते हैं
तब मन टूटते हैं

Language: Hindi
86 Views

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