“राज है तन्दुरुस्ती का”
ख्वाबों को
रेशम के तकिये लगाओ,
नींद पूरी करो
बदन की खोज खबर लेते जाओ,
आत्मा को दुलराओ
सुकून का बन्दोबस्त कर
योग-विपश्यना की शरण में जाओ।
कुछ शौक पालो
कुछ ध्यान धरो
रूटीन से बाहर निकलकर
कुछ नया काम करो
यही राज है तन्दुरुस्ती का,
इंसान की चुस्ती-दुरुस्ती का।
वरना पहले से ही जिन्दगी में
घुली है सैकड़ों आफ़तें,
और अनगिनत रोग भी
जो देते ना कोई रियायतें।
-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
टैलेंट आइकॉन-2022
एवं
अमेरिकन टैलेंट राइटर अवार्ड प्राप्त- 2023