” राग “
” राग ”
जब प्रेम राग है छाता हृदय में,
मन मधुर मिलन को तरसा।
जब द्वेष राग धधका मन में,
सब कुछ खाक करने को लपका।
” राग ”
जब प्रेम राग है छाता हृदय में,
मन मधुर मिलन को तरसा।
जब द्वेष राग धधका मन में,
सब कुछ खाक करने को लपका।