“रंग”
“रंग”
प्रेम के रंग से गहरा
और वफ़ा के रंग से हल्का (फीका)
कोई रंग नहीं होता।
प्रेम की एक बून्द काफी होती है
किसी का दिल जीतने के लिए;
लेकिन वफ़ा का अहसास
हर रोज, हर घड़ी, हर पल
कराने पड़ते हैं।
“रंग”
प्रेम के रंग से गहरा
और वफ़ा के रंग से हल्का (फीका)
कोई रंग नहीं होता।
प्रेम की एक बून्द काफी होती है
किसी का दिल जीतने के लिए;
लेकिन वफ़ा का अहसास
हर रोज, हर घड़ी, हर पल
कराने पड़ते हैं।