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9 Feb 2022 · 1 min read

रंग

रंग
इस रंगीन दुनियां में,
रंगों की बहुत कदर है,
अंदर से काला है,
पर बाहर बहुत चमक है।

रंगों ने देखो ,
इंसान को कितना रंग दिया है,
जिसे मैंने सफेद समझा,
बहा अंदर कालिख लगी थी,
धोखा मैं ही नही,
हर कोई धोखा ही खा रहा है।

चलो किस्मत के रंग है,
कही भी जा रहे है,
चेहरे की मासूमियत से ,
रंग कुछ अलग ही जा रहे है।
दीपाली कालरा

Language: Hindi
2 Likes · 179 Views
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