ये दिल टूटा है।
माना ये दिल टूटा है तो क्या हुआ।
चल बदलते है जीने का नज़रिया।।
खूब जी लिए हम दूसरों की खातिर।
अब करते है खुदके लिए कुछ दुआ।।
सब्र का पैमाना अब छोड़ते है हम।
जीने में बहुत सब्र हमने कर लिया।।
धोखा खाया हमने हर अकीदे पर।
जहां में हर रिश्ता पैसे का हो गया।।
शक भी करते तो हम किसपे करते।
हर रिश्ते में था हमारा कोई अपना।।
चकना चूर हुआ है हर देखा सपना।
बेमतलब हुआ लगाना इस दिल का।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ