Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Apr 2024 · 1 min read

विश्वास🙏

विश्वास🙏
जब व्यक्ति भाग्य पर भरोसा करता है
झूठ का सहारा लेता है । उम्मीद से कम ही
पाता है। जब कर्म धर्म श्रम करते हुए आस्था पर विश्वास करता है वे जितना उम्मीद करता हैं उससे ज्यादा पाता है ।
टी .पी . तरुण

22 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
View all
You may also like:
दीवार
दीवार
अखिलेश 'अखिल'
आज की शाम।
आज की शाम।
Dr. Jitendra Kumar
💐प्रेम कौतुक-334💐
💐प्रेम कौतुक-334💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कस्ती धीरे-धीरे चल रही है
कस्ती धीरे-धीरे चल रही है
कवि दीपक बवेजा
शिक्षक
शिक्षक
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बारिश पर लिखे अशआर
बारिश पर लिखे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
परिंदा
परिंदा
VINOD CHAUHAN
■ प्रभात चिंतन ...
■ प्रभात चिंतन ...
*Author प्रणय प्रभात*
आखिर क्या कमी है मुझमें......??
आखिर क्या कमी है मुझमें......??
Keshav kishor Kumar
* ज्योति जगानी है *
* ज्योति जगानी है *
surenderpal vaidya
"खुशी मत मना"
Dr. Kishan tandon kranti
नेह निमंत्रण नयनन से, लगी मिलन की आस
नेह निमंत्रण नयनन से, लगी मिलन की आस
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
नौकरी
नौकरी
Aman Sinha
प्यासा के कुंडलियां (झूठा)
प्यासा के कुंडलियां (झूठा)
Vijay kumar Pandey
I love you
I love you
Otteri Selvakumar
समीक्ष्य कृति: बोल जमूरे! बोल
समीक्ष्य कृति: बोल जमूरे! बोल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
घर-घर तिरंगा
घर-घर तिरंगा
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
23/22.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/22.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अंबेडकर के नाम से चिढ़ क्यों?
अंबेडकर के नाम से चिढ़ क्यों?
Shekhar Chandra Mitra
// श्री राम मंत्र //
// श्री राम मंत्र //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
भुलाया ना जा सकेगा ये प्रेम
भुलाया ना जा सकेगा ये प्रेम
The_dk_poetry
आपकी तस्वीर ( 7 of 25 )
आपकी तस्वीर ( 7 of 25 )
Kshma Urmila
*बुरा न मानो होली है 【बाल कविता 】*
*बुरा न मानो होली है 【बाल कविता 】*
Ravi Prakash
किसी की प्रशंसा एक हद में ही करो ताकि प्रशंसा एवं 'खुजाने' म
किसी की प्रशंसा एक हद में ही करो ताकि प्रशंसा एवं 'खुजाने' म
Dr MusafiR BaithA
बेरूख़ी के मार से गुलिस्ताँ बंजर होते गए,
बेरूख़ी के मार से गुलिस्ताँ बंजर होते गए,
_सुलेखा.
एक नारी की पीड़ा
एक नारी की पीड़ा
Ram Krishan Rastogi
122 122 122 12
122 122 122 12
SZUBAIR KHAN KHAN
15. गिरेबान
15. गिरेबान
Rajeev Dutta
मेरे आदर्श मेरे पिता
मेरे आदर्श मेरे पिता
Dr. Man Mohan Krishna
आभार
आभार
Sanjay ' शून्य'
Loading...