मेरा भारत देश
मेरे भारत देश की बात ही कुछ निराली है
उगती यहां पर महकते फूलों की क्यारी है।
खेत सींचती यहां पर गंगा माई है,
शिव की जटाओं में जगह जिंहोने पाई है।
मिट्टी है यहां की रंग-बिरंगी,
जैसे हो इंद्रधनुष की संगी।
इतिहास भारत का बहुत पुराना है,
जिसमें मिला कोहिनूर हमारा है।
राजनीति में यह सबसे अनोखा,
यह देश है अपने में ही एक अजूबा।
आंख उठाता अगर कोई इसपर
पछताता है वो फिर ज़िन्दगी भर।
सभी यहाँ पर मिलकर रहते,
सुख दुःख को साथ भोगते
बस मज़हब इसको बाँट देता है
इंसान ही इंसान को मार देता है।
न जाने कितनी बार यह देश टूटा है
क्या क्या नहीं इसने देखा है।
पर हर बार यह देश लड़ा है
हर बार यह देश जीता है
दूआ है मेरी…
यह देश यूं ही आबाद रहे
दुनिया में इसका नाम रहे।
– श्रीयांश गुप्ता