ये चुनाव का माहौल है
लहजा नेताओं का इन दिनों नरम है
क्यूंकि ये चुनाव का माहौल है
इसलिए किसानों, गरीबों का इन्हें सता रहा दर्द है
वोटों की अरदास में मंचों पर दे रहे बड़े बड़े भाषण है।
सियासत के गलियारे में इन दिनों शोर है
क्यूंकि ये चुनाव का माहौल है
इसलिए मतदाताओं को रिझाने के लिए
नेता लोग कर रहे हर तरह के झूठे-सच्चे वादे है।
हो रहे इन दिनों सियासी बवाल है
क्यूंकि ये चुनाव का माहौल है
इसलिए अपनाया जा रहा साम दाम दंड भेद है
चलाए जा रहे विरोधी पार्टियों पर शब्दों के बाण है।
क्यूंकि ये चुनाव का माहौल है
इसलिए नए प्रलोभन देकर जनता को लुभा रहे है
कहीं महिलाओं को शॉल बांटकर,
तो कहीं गरीबों को मुफ्त का राशन देकर।
मगर करना तुम मतदान दिखाना ताकत अपनी
देना वोट उसी को जो इसके लायक हो
जिसके मन में ना मैल हो बस विकास की चाहत हो
नेता अपना चुनना तुम समझदारी की धुन में।
– सुमन मीना (अदिति)
लेखिका एवं साहित्यकार