Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 May 2024 · 1 min read

आकाशवाणी: अंतरिक्षवाणी

आदमी-
हैलो एलियन कैसे हो?
मैं…मैं…आदमी..जी हां
दूर पृथ्वी से आया हूं
मैं सबसे आगे निकल
तुमसे पूछने आया हूं

मैं तो ढूंढते थक गया
तुम बता दो एलियन
क्या इस ब्रह्माण्ड में
कहीं और हैं जीवन?

पृथ्वीवासियों को अब
परग्रहीयों को हैं जीतना
भेद, स्पर्धा, ऊंच-नीच
के बीज में है वहा बोना

एलियन-
तो सुन हे आत्ममुग्ध !
हे स्वयंसिद्ध मानवश्रेष्ठ
किस मानक से बना
तू स्वयं स्थापित-सर्वश्रेष्ठ

ये माना कुछ समय से तू
ज्ञान-विज्ञान तो समझ रहा
पर कभी-कभी फिर वही
अंधविश्वासों में उलझ रहा

तेरे लिए तो फिलहाल
पृथ्वी पर ही जीवन है।
तेरे अस्तित्व के लिए
बस पृथ्वी ही साधन है।।

तेरी ये यूज एंड थ्रो की
कैसी बन रही संस्कृति?।
काम निकालने की और
फिर फेंक देने की प्रवृत्ति।।

इस इकलौती पृथ्वी को भी
बनाता और ग्रहों सा निर्जन।
बढ़ा प्रदूषण बेतरतीब दोहन
करता सुंदर सृजन-विसर्जन।।

आदमी –
ओह ! तो जीवन न सही
बता दो ब्रह्मांड में ही जल।
हमें इतना भी बता दोगे तो
जल से जीव बना देंगे कल।।

एलियन –
ब्रह्मांड में तू ढूंढ रहा जल।
यूरेका-यूरेका कहने को बेताब।।
परग्रहों पर भी जमींदारी के।
देख रहा है अनगिनत ख्वाब।।

जल ही जीवन है इसलिए।
पृथ्वी में जल तीन-चौथाई।।
जल-थल, नभचरों के लिए।
यह अनोखी धरती है बनाई।।

पर आज तू नासमझी कर।
विनाश ला रहा पृथ्वी पर।।
पृथ्वी जैसा नहीं कही घर।
नही कही पूरे अंतरिक्ष भर।।
~०~
मौलिक और स्वरचित: कविता प्रतियोगिता
रचना संख्या:०४- मई २०२४-©जीवनसवारो

Language: Hindi
1 Like · 20 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
View all
You may also like:
"आकांक्षा" हिन्दी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
इंसान तो मैं भी हूं लेकिन मेरे व्यवहार और सस्कार
इंसान तो मैं भी हूं लेकिन मेरे व्यवहार और सस्कार
Ranjeet kumar patre
आता जब समय चुनाव का
आता जब समय चुनाव का
Gouri tiwari
गलती अगर किए नहीं,
गलती अगर किए नहीं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
।। जीवन प्रयोग मात्र ।।
।। जीवन प्रयोग मात्र ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
हर बार मेरी ही किस्मत क्यो धोखा दे जाती हैं,
हर बार मेरी ही किस्मत क्यो धोखा दे जाती हैं,
Vishal babu (vishu)
"" *इबादत ए पत्थर* ""
सुनीलानंद महंत
गुनाहों के देवता तो हो सकते हैं
गुनाहों के देवता तो हो सकते हैं
Dheeru bhai berang
Swami Vivekanand
Swami Vivekanand
Poonam Sharma
हुनर हर जिंदगी का आपने हमको सिखा दिया।
हुनर हर जिंदगी का आपने हमको सिखा दिया।
Phool gufran
हमनें ख़ामोश
हमनें ख़ामोश
Dr fauzia Naseem shad
फूल सी तुम हो
फूल सी तुम हो
Bodhisatva kastooriya
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
इस बार
इस बार "अमेठी" नहीं "रायबरैली" में बनेगी "बरेली की बर्फी।"
*प्रणय प्रभात*
मन से चाहे बिना मनचाहा नहीं पा सकते।
मन से चाहे बिना मनचाहा नहीं पा सकते।
Dr. Pradeep Kumar Sharma
क़ीमती लिबास(Dress) पहन कर शख़्सियत(Personality) अच्छी बनाने स
क़ीमती लिबास(Dress) पहन कर शख़्सियत(Personality) अच्छी बनाने स
Trishika S Dhara
अश्क तन्हाई उदासी रह गई - संदीप ठाकुर
अश्क तन्हाई उदासी रह गई - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
सरकार~
सरकार~
दिनेश एल० "जैहिंद"
कविता 10 🌸माँ की छवि 🌸
कविता 10 🌸माँ की छवि 🌸
Mahima shukla
आजकल के परिवारिक माहौल
आजकल के परिवारिक माहौल
पूर्वार्थ
"ख़्वाहिशें"
Dr. Kishan tandon kranti
*
*"सरहदें पार रहता यार है**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बड़ी तक़लीफ़ होती है
बड़ी तक़लीफ़ होती है
Davina Amar Thakral
नशा
नशा
Ram Krishan Rastogi
23/28.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/28.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
****शीतल प्रभा****
****शीतल प्रभा****
Kavita Chouhan
संस्कृत के आँचल की बेटी
संस्कृत के आँचल की बेटी
Er.Navaneet R Shandily
खो कर खुद को,
खो कर खुद को,
Pramila sultan
जब हम छोटे से बच्चे थे।
जब हम छोटे से बच्चे थे।
लक्ष्मी सिंह
" ढले न यह मुस्कान "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
Loading...