ये कैसा युग ?
ये कैसा युग ?
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कृष्ण की बांसुरी मौन है ,
सुन पृथ्वी पर नारी का क्रंदन !
शिव का कंठ भी सूख गया
जब हलाहल अबोध को लील गया !
धनुष त्याग राम व्यथित हुए
मारा था रावण फिर ये बाकी कौन रहे !
दुर्गा का त्रिशूल शर्मसार है
लौट आए जिनका था संहार किया !
विष्णुचक्र सुदर्शन अचंभित है,
उसकी गति ,धार सब खंडित है !
#sugyata