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22 Feb 2024 · 1 min read

यहीं सब है

यहीं सुख है ,यही दुख है
यहीं स्वर्ग है ,यहीं नर्क भी
साम्राज्य यहीं रावण का है
मगर राम राज्य भी यहीं I

भटक कर ,उलझ कर
न होगा कुछ तुम्हें हासिल
यहीं सब ख़ुशी , सब दुःख
जग में क्या नहीं शामिल?

वनों में भी नहीं कोई सुकून
न विश्रांति से मिले शांति
कोई दवा की नही हुई रचना
जो मिटा दे जन्नत की भ्रान्ति !

जी सके जो तुम निर्विघ्न
तो जीवन सुरलोक में काटा
जो जिए दुष्कर्म कर निशदिन
तो समझो यमालय में समय बांटा !

Language: Hindi
130 Views
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