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12 May 2024 · 1 min read

यदि किछ तोर बाजौ

माए हमर अखनौ
यदि किछ तोर बाजौ
तब तोय सिनेह जानि दअ लिहे
हमर मंदिर अँहे संस्कार मोरे
ओ हामर देस गामक,दुलहिन हे
यदि पिताश्री किछ तोर बाजौ
तब मंजुसा पटोरी समेत दअ लिहे
यदि काकाश्री किछ तोर बाजौ
तब तोय मर्यादा जानि लअ लियौ
तब नव जीवन आओर जीवच्रक
ओ,तुअ काकी मुहें तोर अवहेलना सुनि हमरे जमाना मे !
अतह मोरा नाँय,दुलहिन हे
सिया धिया दुलरी,हमार हे
आपन दहेर सँ सखी री गाऊ रे मिलनगीत
संस्कार तोहि बिनु रोय

जब फिर समाज लोक बाजौ, ओरे, ओरे, ओ अभगली
जब परलोकनि परदेसी ताकौ,माथे सारी लअ लियौ
तब माधव संस्कार पूरक रे

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