Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jul 2023 · 1 min read

कोरी आँखों के ज़र्द एहसास, आकर्षण की धुरी बन जाते हैं।

कोरी आँखों के ज़र्द एहसास, आकर्षण की धुरी बन जाते हैं,
दर्द की असीमता को लांघने, दावे अनगिनत बिछ जाते हैं।
सत्य के शांत तटों से हीं, असत्य के तूफ़ान आ टकराते हैं,
आस्था के फूल हीं अक्सर,आश्वस्त धोखों से रौंदे जाते हैं।
पतझड़ों को भी लूटने यहां, अजनबी मौसम चले आते हैं,
उजड़े उस घर की ईंटें भी, कुछ लोग चुरा ले जाते हैं।
मौन के निश्छल आवरण, शब्दों के वाणों से भेदे जाते हैं,
और नग्न हुए जज़्बातों के तब, सम्मान हरण हो जाते हैं।
स्तब्ध चित्त की यात्रा में, स्वयं की राहें शामिल कर जाते हैं,
और मोड़ पर अगले आते हीं, उसकी मंजिल पर प्रश्न उठाते हैं।
ठहरी उस श्वास की आशाओं को, एक पल के प्रकाश से मिलवाते हैं,
फिर डगमग भरते उन क़दमों से, उनकी जमीं भी छीन ले जाते हैं।
वादों के मलिन आशियाने, थके कारवां के समक्ष ले आते हैं,
तिरस्कृत कर चौख़ट पर अपनी, हर आस से विश्वास उठाते हैं।
मृदु हृदय की कोमलता तब, कटु निर्णयों के संरक्षण से खुद को बचाते हैं,
और आँखों के वो जर्द एहसास भी, ताप में अग्नि के भस्म हो जाते हैं।

2 Likes · 3 Comments · 130 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Manisha Manjari
View all
You may also like:
"New year की बधाई "
Yogendra Chaturwedi
किस किस्से का जिक्र
किस किस्से का जिक्र
Bodhisatva kastooriya
India is my national
India is my national
Rajan Sharma
जल रहे अज्ञान बनकर, कहेें मैं शुभ सीख हूँ
जल रहे अज्ञान बनकर, कहेें मैं शुभ सीख हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak
जीवन मे
जीवन मे
Dr fauzia Naseem shad
बैठे-बैठे यूहीं ख्याल आ गया,
बैठे-बैठे यूहीं ख्याल आ गया,
Sonam Pundir
*दिलों से दिल मिलाने का, सुखद त्योहार है होली (हिंदी गजल/ गी
*दिलों से दिल मिलाने का, सुखद त्योहार है होली (हिंदी गजल/ गी
Ravi Prakash
अटल सत्य मौत ही है (सत्य की खोज)
अटल सत्य मौत ही है (सत्य की खोज)
VINOD CHAUHAN
21-रूठ गई है क़िस्मत अपनी
21-रूठ गई है क़िस्मत अपनी
Ajay Kumar Vimal
प्रेम पथ का एक रोड़ा✍️✍️
प्रेम पथ का एक रोड़ा✍️✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
घर से बेघर
घर से बेघर
Punam Pande
मुरझाना तय है फूलों का, फिर भी खिले रहते हैं।
मुरझाना तय है फूलों का, फिर भी खिले रहते हैं।
Khem Kiran Saini
#फ़र्ज़ी_उपाधि
#फ़र्ज़ी_उपाधि
*Author प्रणय प्रभात*
कौशल
कौशल
Dinesh Kumar Gangwar
Two scarred souls and the seashore, was it a glorious beginning?
Two scarred souls and the seashore, was it a glorious beginning?
Manisha Manjari
काव्य भावना
काव्य भावना
Shyam Sundar Subramanian
अंध विश्वास एक ऐसा धुआं है जो बिना किसी आग के प्रकट होता है।
अंध विश्वास एक ऐसा धुआं है जो बिना किसी आग के प्रकट होता है।
Rj Anand Prajapati
*खो दिया सुख चैन तेरी चाह मे*
*खो दिया सुख चैन तेरी चाह मे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्यार नहीं तो कुछ नहीं
प्यार नहीं तो कुछ नहीं
Shekhar Chandra Mitra
राम की रहमत
राम की रहमत
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मैकदे को जाता हूँ,
मैकदे को जाता हूँ,
Satish Srijan
अभी दिल भरा नही
अभी दिल भरा नही
Ram Krishan Rastogi
दो सहोदर
दो सहोदर
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
भारत अपना देश
भारत अपना देश
प्रदीप कुमार गुप्ता
वह जो रुखसत हो गई
वह जो रुखसत हो गई
श्याम सिंह बिष्ट
कभी-कभी वक़्त की करवट आपको अचंभित कर जाती है.......चाहे उस क
कभी-कभी वक़्त की करवट आपको अचंभित कर जाती है.......चाहे उस क
Seema Verma
बदली-बदली सी तश्वीरें...
बदली-बदली सी तश्वीरें...
Dr Rajendra Singh kavi
कितना रोका था ख़ुद को
कितना रोका था ख़ुद को
हिमांशु Kulshrestha
हवेली का दर्द
हवेली का दर्द
Atul "Krishn"
2957.*पूर्णिका*
2957.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...