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20 Jul 2023 · 1 min read

“मौत की ओर”

पता नहीं इंसान
कितना जीता है,
किस कदर मरता है
बावजूद वो पीता है।

कभी दूसरों की देखा-देखी
कभी दोस्तों के दबाव में,
कभी बुरी संगत में पड़कर
तो कभी समय के बहाव में।

कई बार खुद को
बड़ा दिखाने की चाहत में,
कभी धुएँ के छल्ले
उड़ाने की ललक में
कभी फिल्मों में
अपने प्रिय अभिनेता को देखकर
तो कभी-कभी
पारिवारिक माहौल से सीखकर।

मगर यह शौक
धीरे-धीरे लत बन जाता है,
फिर एक दिन इंसान को
मौत की ओर ले जाता है।

– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
नेल्सन मंडेला ग्लोबल ब्रिलियंस अवार्ड प्राप्त
भारत के 100 महान व्यक्तित्व में शामिल
एक साधारण व्यक्ति

Language: Hindi
8 Likes · 6 Comments · 105 Views
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