Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jan 2017 · 1 min read

मोहब्बत

बड़ा मुश्किल सबक़ है कब किसी को याद होता है,
मोहब्बत जो निभाता है वही बर्बाद होता है.
..
सियासत मे शराफत ढूढंने वाले भी पागल हैं,
ये क़ब्रिस्तान है इसमें कोई आबाद होता है.
..
वह जिसके इक इशारे पर मियाँ दुनियां लुटा बैठे,
अब उसका हमसे मिलने में समय बर्बाद होता है.
..
सब उसके फैसले से मुतमइन हैं क्या क़यामत है,
ग़लत बिलकुल ग़लत शीशा कहीँ फौलाद होता है.
..
मैं अपने फूल से बच्चों को अक्सर ये बताता हूँ,
” जहाँ बाज़ू सिमटते हैं वहीँ सैय्याद होता है “.

Language: Hindi
1 Comment · 295 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जल धारा में चलते चलते,
जल धारा में चलते चलते,
Satish Srijan
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
💐प्रेम कौतुक-242💐
💐प्रेम कौतुक-242💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सृष्टि
सृष्टि
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#मज़दूर
#मज़दूर
Dr. Priya Gupta
वक़्त
वक़्त
विजय कुमार अग्रवाल
भारत कभी रहा होगा कृषि प्रधान देश
भारत कभी रहा होगा कृषि प्रधान देश
शेखर सिंह
राम आएंगे
राम आएंगे
Neeraj Agarwal
लौट कर रास्ते भी
लौट कर रास्ते भी
Dr fauzia Naseem shad
अनादि
अनादि
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
3221.*पूर्णिका*
3221.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आग से जल कर
आग से जल कर
हिमांशु Kulshrestha
रोम-रोम में राम....
रोम-रोम में राम....
डॉ.सीमा अग्रवाल
सारे दुख दर्द होजाते है खाली,
सारे दुख दर्द होजाते है खाली,
Kanchan Alok Malu
मैं पीपल का पेड़
मैं पीपल का पेड़
VINOD CHAUHAN
एक दिन तो कभी ऐसे हालात हो
एक दिन तो कभी ऐसे हालात हो
Johnny Ahmed 'क़ैस'
जिस प्रकार प्रथ्वी का एक अंश अँधेरे में रहकर आँखें मूँदे हुए
जिस प्रकार प्रथ्वी का एक अंश अँधेरे में रहकर आँखें मूँदे हुए
Sukoon
बेपनाह थी मोहब्बत, गर मुकाम मिल जाते
बेपनाह थी मोहब्बत, गर मुकाम मिल जाते
Aditya Prakash
सुख - एक अहसास ....
सुख - एक अहसास ....
sushil sarna
इन तूफानों का डर हमको कुछ भी नहीं
इन तूफानों का डर हमको कुछ भी नहीं
gurudeenverma198
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*Author प्रणय प्रभात*
लोकतंत्र का मंदिर
लोकतंत्र का मंदिर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते है, पर उनकी बातों में विश्
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते है, पर उनकी बातों में विश्
जय लगन कुमार हैप्पी
गैरों से कोई नाराजगी नहीं
गैरों से कोई नाराजगी नहीं
Harminder Kaur
Avinash
Avinash
Vipin Singh
पहला प्यार सबक दे गया
पहला प्यार सबक दे गया
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
बेटियां
बेटियां
Mukesh Kumar Sonkar
"लड़कर जीना"
Dr. Kishan tandon kranti
कविता
कविता
Bodhisatva kastooriya
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
Loading...