मोहक हरियाली
फैली है चहुँ ओर,देख मोहक हरियाली ।
फूलों चढ़ा निखार, झूमती डाली- डाली ।।
मलय सुवासित गंध, हृदय को करती शीतल ।
हरित वर्ण गिरिराज,धरा का लगता आँचल ।।
बजता मन संगीत,पैर में थिरकन जागी ।
आई है नव भोर,नीँद आँखों से भागी ।।
सावन बरसा झूम,सरस मोहक हरियाली ।
कली -कली अलमस्त, तितलियांँ हैं मतवाली।।