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13 Jun 2023 · 1 min read

मैं तो महज इत्तिफ़ाक़ हूँ

मैं तो महज इत्तिफ़ाक़ हूँ
हर रोज की मैं बात हूँ
वियोग हूँ मुलाकात हूँ
मैं तो महज इत्तिफ़ाक़ हूँ
जिंदगी की राहों में
आ जाऊँ मैं बाहों में
मैं तो महज इत्तिफ़ाक़ हूँ
मुस्कुराते को मुरझा दूँ
मुरझाए को खिला दूँ
मैं तो महज इत्तिफ़ाक़ हूँ
सहम जाते हैं सभी
समझ न पाते हैं कभी
मैं तो महज इत्तिफ़ाक़ हूँ
मुझसे वो अंजान है
V9द क्यों हैरान है
मैं तो महज इत्तिफ़ाक़ हूँ

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