मैं एक नारी हूं।
मैं नारी हूं, हां मैं नारी हूं
कहता है, कौन कि मैं हूं लाचारी
हां मैं हूं, एक नारी हूं, मैं एक नारी
चल सकती हूं, हर उन क़दमों पर
हर कोई चल सकता है,जिन कदमों पर
हैं, ज्वाला मेरे भी सीने में है,वही
जो है,किसी वीर नर के सीने में
न समझो तुम, हमको इतना भी लाचार
कर सकती हूं, कई हिमालय पर्वतों को पार
कल्पनाओं का महल बनाती नहीं मैं
मैं भी कर सकती हूं, हर एक काम
पर कभी अपनी करनी सुनाती नहीं मैं
हां मैं हूं,एक नारी हूं, मैं एक नारी।
हैं अगर किसी में भी लज्जा,हिम्मत, शर्म
तो हमें भी एक मौका दो
कर दूंगी मैं भी अपना नाम रोशन
जो मैं करना चाहती हूं
बस मुझे तुम वो करने दो।
हूं मैं एक नारी हां हूं मैं एक नारी।
संजय कुमार✍️✍️