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14 May 2024 · 1 min read

कैसी लगी है होड़

कैसी लगी है होड़
खुद को बेहतर साबित करने की
कैसी लगी ये होड़।

आंखें सुंदर सबकी है
फिर क्यों अंधों सी दौड़
खुद को बेहतर साबित करने की
कैसी लगी ये होड़।

हजारों है तो लाख बने हैं
लाख बने तो करोड़
अमीर बनने की चाह में जाने
कितने नाते चले हैं तोड़
खुद को बेहतर साबित करने की
कैसी लगी ये होड़।

जिंदगी तेरा जवाब नहीं
दिखाए कैसे-कैसे मोड़
साथ चले ना चार कदम थे
कई साथी चले गए छोड़
खुद को बेहतर साबित करने की
कैसी लगी ये होड़
कैसी लगी ये होड़।
स्वरचित कविता
सुरेखा राठी

1 Like · 18 Views
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