मैं अवला नही (#हिन्दी_कविता)
संतान ने मुझे त्यागा,
प्रभू ने मेरी सुहाग छिना,
बेरंग सा जीवन बना,
लोग मुझे अभागी कहता,
पर मै जीद्दि ठहरा,
आत्मनिर्भरता का मार्ग चुना,
श्वेत वस्त्र मे हूँ सज्जा,
स्ट्रिट भैजिटेवल बेचता,
लोग बेचारी मुझे कहता,
पर अपने दम पर मै जिता
मै नही अवला !!
■#दिनेश_यादव
काठमाण्डू (नेपाल)